Maa Quotes In Hindi
पूछता है जब कोई मुझसे की दुनिया में मोहब्बत बची है कहाँ,
मुस्कुरा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ !! अपने माता-पिता के मन से निकला हुआ आशीर्वाद,
जन्म-जन्मान्तर तक हमारी रक्षा करता रहता है !! माँ-बाप की दवाई की पर्ची अक्सर खो जाती है,
पर लोग वसीयत के कागजात बहुत संभालकर रखते है !! पूरी दुनिया जीतकर भी यदि माता-पिता का दिल नहीं जीता,
तो वह जित भी हार के समान है !! खुश किस्मत होते है वो लोग जिन्हें माँ के आँचल की छाव मिलती है,
शीतल उसके स्पर्श में हर परिस्थिति से झुजने की दुआ मिलती है !! माँ और बीवी दोनों को हंमेशा बेपनाह प्यार ओर इज्जत दो,
एक तुम्हे इस दुनिया में लाइ है,
और दूसरी सारी दुनिया को छोड़कर तुम्हारे पास आई है !! उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती !! माँ की आँखों की नमी,
अपने दामन में सोख लेना,
माँ के एक कतरा आंसू में,
दरिया का वजूद होता है !! भगवान से कुछ मांगना हो तो हंमेशा
अपनी माँ के सपने पुरे होने की दुआ मांगना,
तुम खुद ब खुद आसमान की ऊँचाइया छु लोगे !! मुझे कोई और जन्नत का पता नहीं,
क्यूंकि हम माँ के कदमो को ही जन्नत कहते है !! बड़ी इबादत से पुछा था मैंने खुदा से जन्नत का पता,
तो अपनी गोद से उतारकर खुदा ने माँ की बाहों में सुला दिया !! लोग न जाने क्यूँ मोहोब्बत तलाशा करते है,
मैंने तो माँ के दामन में ही प्रेम का दरिया पाया है !! किसीने माँ के कंधे पर सर रख के पूछा
माँ कब तक अपने कंधे पर सोने देगी ?
माँ ने कहा की जब तक लोग मुझे
अपने काँधे पर न उठा ले !! जब हम बोलना नहीं जानते थे,
तो हमारे बोले बिना माँ हमारी बातों को समझ जाती थी,
और आज हम हर बात पर कहते है
छोडो भी माँ आप नहीं समझोगी !! राम लिखा,
रहमान लिखा,
गीता और कुरान लिखा,
जब बात हुयी पूरी दुनिया को
एक लफ्झ में लिखने की,
तब मैंने माँ का नाम लिखा !! उनका कंधा प्रभु ने न जाने कितना मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं की !! संसार में आज भी सबसे अच्छे
मित्र, संरक्षक यदि है तो वे माता पिता है,
जिनके गुस्से के पीछे भी बिना किसी
लालच के बेइंतेहा मोहोब्बत छिपी हुई है !! मेरी ऊँगली पकड़ के चलते थे,
अब मुझे रास्ता दिखाते है,
अब मुझे किस तरह से जीना है
मेरे बच्चे मुझे सिखाते है !! माँ और पिता इसे होते है,
जिनके होने का एहसास नहीं होता,
पर न होने का बहुत होता है !! मैं जो भी हूँ,
या होने की आशा करता हूँ,
उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है !! परेशान होता हूँ जब भी सीने से लगा लेती है,
मरहम सी लगती है माँ हर दर्द मिटा देती है !! पता नहीं कैसे पत्थर की
मूर्ति के लिए जगह बना लेते है,
घर में वो लोग जिनके घर
माता पिता के लिए स्थान नहीं होता !!
मुस्कुरा देता हूँ मैं और याद आ जाती है माँ !! अपने माता-पिता के मन से निकला हुआ आशीर्वाद,
जन्म-जन्मान्तर तक हमारी रक्षा करता रहता है !! माँ-बाप की दवाई की पर्ची अक्सर खो जाती है,
पर लोग वसीयत के कागजात बहुत संभालकर रखते है !! पूरी दुनिया जीतकर भी यदि माता-पिता का दिल नहीं जीता,
तो वह जित भी हार के समान है !! खुश किस्मत होते है वो लोग जिन्हें माँ के आँचल की छाव मिलती है,
शीतल उसके स्पर्श में हर परिस्थिति से झुजने की दुआ मिलती है !! माँ और बीवी दोनों को हंमेशा बेपनाह प्यार ओर इज्जत दो,
एक तुम्हे इस दुनिया में लाइ है,
और दूसरी सारी दुनिया को छोड़कर तुम्हारे पास आई है !! उस घर के किसी काम में कभी बरकत नहीं होती,
जिस घर में माँ बाप की इज्जत नहीं होती !! माँ की आँखों की नमी,
अपने दामन में सोख लेना,
माँ के एक कतरा आंसू में,
दरिया का वजूद होता है !! भगवान से कुछ मांगना हो तो हंमेशा
अपनी माँ के सपने पुरे होने की दुआ मांगना,
तुम खुद ब खुद आसमान की ऊँचाइया छु लोगे !! मुझे कोई और जन्नत का पता नहीं,
क्यूंकि हम माँ के कदमो को ही जन्नत कहते है !! बड़ी इबादत से पुछा था मैंने खुदा से जन्नत का पता,
तो अपनी गोद से उतारकर खुदा ने माँ की बाहों में सुला दिया !! लोग न जाने क्यूँ मोहोब्बत तलाशा करते है,
मैंने तो माँ के दामन में ही प्रेम का दरिया पाया है !! किसीने माँ के कंधे पर सर रख के पूछा
माँ कब तक अपने कंधे पर सोने देगी ?
माँ ने कहा की जब तक लोग मुझे
अपने काँधे पर न उठा ले !! जब हम बोलना नहीं जानते थे,
तो हमारे बोले बिना माँ हमारी बातों को समझ जाती थी,
और आज हम हर बात पर कहते है
छोडो भी माँ आप नहीं समझोगी !! राम लिखा,
रहमान लिखा,
गीता और कुरान लिखा,
जब बात हुयी पूरी दुनिया को
एक लफ्झ में लिखने की,
तब मैंने माँ का नाम लिखा !! उनका कंधा प्रभु ने न जाने कितना मजबूत बनाया है,
मेरी ख्वाहिशों को उठाते हुए माँ बाप ने
कभी उफ़ तक नहीं की !! संसार में आज भी सबसे अच्छे
मित्र, संरक्षक यदि है तो वे माता पिता है,
जिनके गुस्से के पीछे भी बिना किसी
लालच के बेइंतेहा मोहोब्बत छिपी हुई है !! मेरी ऊँगली पकड़ के चलते थे,
अब मुझे रास्ता दिखाते है,
अब मुझे किस तरह से जीना है
मेरे बच्चे मुझे सिखाते है !! माँ और पिता इसे होते है,
जिनके होने का एहसास नहीं होता,
पर न होने का बहुत होता है !! मैं जो भी हूँ,
या होने की आशा करता हूँ,
उसका श्रेय मेरी माँ को जाता है !! परेशान होता हूँ जब भी सीने से लगा लेती है,
मरहम सी लगती है माँ हर दर्द मिटा देती है !! पता नहीं कैसे पत्थर की
मूर्ति के लिए जगह बना लेते है,
घर में वो लोग जिनके घर
माता पिता के लिए स्थान नहीं होता !!
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