Dharam And Sanskriti Quotes In Hindi
पैसा घर तक साथ रहेगा और परिवार स्मशान तक,
जबकी कर्म और धर्म इस लोक के साथ परलोक में भी साथ रहेगा !! जितना मन से पवित्र रहोगे उतना ही भगवान् से करीब रहोगे,
क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है !! इश्वर के मार्ग पर जब कोई एक कदम बढाता है तो,
इश्वर उसे थामने के लिए सौ कदम आगे बढ़ते है !! आदमी भगवान् से लाखो करोड़ों की चाहत रखता है,
लेकिन जब मंदिर जाता है तो जेब में सिक्के ढूंढता है !! सुख भी बहुत है और परेशानिया भी बहुत है,
जिन्दगी में लाभ है तो हानिया भी बहुत है,
क्या हुआ जो प्रभु ने थोड़े गम दे दिए,
उसकी हम पर महेरबानिया भी बहुत है !! तलाश ना कर मुझे जमीन-ओ-आसमान की गर्दिशों में,
अगर मैं तेरे दिल में नहीं हूँ तो कहीं पर भी नहीं हूँ !! अपनी रोशनाई का एक कतरा ही दे दे ए मालिक,
मैं तेरी कायनात का बेनाम सा जर्रा हूँ !! जो कुछ भी मैंने खोया वह मेरी नादानी है,
और जो कुछ भी मैंने पाया वह रब की महेरबानी है !! जरुरत भर का खुदा सबको देता है,
परेशान है लोग इस वास्ते की बेपनाह मिले !! कोई तो है जो फैंसला करता है
पथ्थरों के मुकद्दर का,
किसे ठोकरों पर रहना है
और किसे भगवान् होना है !! पैर की मोच और छोटी सोच
हमें आगे बढ़ने नहीं देती,
टूटी कलम और औरों से जलन
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती,
काम का आलस और पैसों का लालच
हमें महान बनने नहीं देता,
अपना मजहब ऊँचा और गैरों का ओछा
ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती !! ग़ालिब ने यह कह कर तोड़ दी माला,
गिनकर क्यूँ नाम लूँ उसका जो बेहिसाब देता है !! भगवान् कहते है की हर बार संभाल लूँगा,
गिरो तुम चाहे जितनी भी बार,
बस गुजारिश एक ही है की
कभी मेरी नजरों से न गिरना !! पलकें झुके और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
एसी नजर कहाँ से लाऊ की,
तुझे याद करूँ और तेरा दर्शन हो जाए !! तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ,
तू कर वही जो मैं चाहता हूँ,
फिर होगा वही जो तू चाहता है !! हमारी खुशकिस्मती यह है की
हम भगवान को एक मानते है,
पर बदकिस्मती यह है की
हम भगवान की एक नहीं मानते !! मेरा मजहब तो ये दो हथेलियाँ बताती है,
जुड़े तो पूजा और खुले तो दुआ कहलाती है !! मैं ऐसे धर्म में मानता हूँ जो,
स्वतंत्रता, समानता और भाई चारा सिखाये !! संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है !! भगवान का कोई धर्म नहीं है !! मैं हर बार आजमाता हूँ की
इश्वर है की नहीं,
पर उसने एक बात भी सबुत नहीं
माँगा की मैं इन्सान हूँ की नहीं !!
जबकी कर्म और धर्म इस लोक के साथ परलोक में भी साथ रहेगा !! जितना मन से पवित्र रहोगे उतना ही भगवान् से करीब रहोगे,
क्यूंकि सदैव पवित्रता में ही भगवान का वास होता है !! इश्वर के मार्ग पर जब कोई एक कदम बढाता है तो,
इश्वर उसे थामने के लिए सौ कदम आगे बढ़ते है !! आदमी भगवान् से लाखो करोड़ों की चाहत रखता है,
लेकिन जब मंदिर जाता है तो जेब में सिक्के ढूंढता है !! सुख भी बहुत है और परेशानिया भी बहुत है,
जिन्दगी में लाभ है तो हानिया भी बहुत है,
क्या हुआ जो प्रभु ने थोड़े गम दे दिए,
उसकी हम पर महेरबानिया भी बहुत है !! तलाश ना कर मुझे जमीन-ओ-आसमान की गर्दिशों में,
अगर मैं तेरे दिल में नहीं हूँ तो कहीं पर भी नहीं हूँ !! अपनी रोशनाई का एक कतरा ही दे दे ए मालिक,
मैं तेरी कायनात का बेनाम सा जर्रा हूँ !! जो कुछ भी मैंने खोया वह मेरी नादानी है,
और जो कुछ भी मैंने पाया वह रब की महेरबानी है !! जरुरत भर का खुदा सबको देता है,
परेशान है लोग इस वास्ते की बेपनाह मिले !! कोई तो है जो फैंसला करता है
पथ्थरों के मुकद्दर का,
किसे ठोकरों पर रहना है
और किसे भगवान् होना है !! पैर की मोच और छोटी सोच
हमें आगे बढ़ने नहीं देती,
टूटी कलम और औरों से जलन
खुद का भाग्य लिखने नहीं देती,
काम का आलस और पैसों का लालच
हमें महान बनने नहीं देता,
अपना मजहब ऊँचा और गैरों का ओछा
ये सोच हमें इन्सान बनने नहीं देती !! ग़ालिब ने यह कह कर तोड़ दी माला,
गिनकर क्यूँ नाम लूँ उसका जो बेहिसाब देता है !! भगवान् कहते है की हर बार संभाल लूँगा,
गिरो तुम चाहे जितनी भी बार,
बस गुजारिश एक ही है की
कभी मेरी नजरों से न गिरना !! पलकें झुके और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
एसी नजर कहाँ से लाऊ की,
तुझे याद करूँ और तेरा दर्शन हो जाए !! तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ,
तू कर वही जो मैं चाहता हूँ,
फिर होगा वही जो तू चाहता है !! हमारी खुशकिस्मती यह है की
हम भगवान को एक मानते है,
पर बदकिस्मती यह है की
हम भगवान की एक नहीं मानते !! मेरा मजहब तो ये दो हथेलियाँ बताती है,
जुड़े तो पूजा और खुले तो दुआ कहलाती है !! मैं ऐसे धर्म में मानता हूँ जो,
स्वतंत्रता, समानता और भाई चारा सिखाये !! संस्कृति मन और आत्मा का विस्तार है !! भगवान का कोई धर्म नहीं है !! मैं हर बार आजमाता हूँ की
इश्वर है की नहीं,
पर उसने एक बात भी सबुत नहीं
माँगा की मैं इन्सान हूँ की नहीं !!
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