Krodh Quotes In Hindi
जब भी आपको क्रोध आये तो,
उसके परिणामों के बारे में सोचिये !! क्रोध हंमेशा मुर्खता से शुरू होकर,
पश्चाताप पर समाप्त होता है !! जब कोई आपके सामने गुस्से में बात करे,
तो उसे ख़ामोशी के साथ गौर से सुनिए,
क्यूंकि गुस्से में इन्सान अक्सर सच बोलता है !! क्रोध में बोला हुआ एक कठोर शब्द
इतना जहरीला हो सकता है की,
आपकी हजार प्यारी बातों को
एक मिनट में नष्ट कर सकता है !! खौलते हुए पानी में जिस तरह,
प्रतिबिम्ब नहीं देखा जा सकता,
उसी तरह क्रोध की स्थिति में,
सच को देखा नहीं जा सकता !! क्रोध को जितने में मौन जैसा
सहायक दूसरा कोई नहीं है !! गुस्से में आदमी बेकार की बातें तो करता है,
पर कई बार दिल की बात भी कह जाता है !! जब आदमी जिद करता है
तब क्रोध जन्म लेता है,
क्रोध से अहंकार पैदा होता है,
अहंकार से इर्ष्या उत्पन्न होती है,
इर्ष्या हिंसा को बढ़ावा देती है,
इसलिए न जिद करे,
न क्रोध को पैदा करे !! न तेरी शान कम होती,
न तेरा रुतबा घटा होता,
जो गुस्से में कहा,
वही हंसकर कहा होता !! यह सही है की इन्सान को
गुस्सा नहीं करना चाहिए,
पर जो इन्सान अधिक गुस्सा करते है,
प्यार भी उतना ही अधिक करते है,
क्यूंकि लाल रंग खतरे का निशान है
तो प्यार की निशानी भी !! क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात
तो कहता नहीं,
दुसरे के दिल को दुखाना चाहता है !! जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है,
वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है !! जल्दी गुस्सा करना जल्द ही
आपको मूर्ख साबित कर देगा !! क्रोध से भ्रम पैदा होता है,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है,
तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है,
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है !!
उसके परिणामों के बारे में सोचिये !! क्रोध हंमेशा मुर्खता से शुरू होकर,
पश्चाताप पर समाप्त होता है !! जब कोई आपके सामने गुस्से में बात करे,
तो उसे ख़ामोशी के साथ गौर से सुनिए,
क्यूंकि गुस्से में इन्सान अक्सर सच बोलता है !! क्रोध में बोला हुआ एक कठोर शब्द
इतना जहरीला हो सकता है की,
आपकी हजार प्यारी बातों को
एक मिनट में नष्ट कर सकता है !! खौलते हुए पानी में जिस तरह,
प्रतिबिम्ब नहीं देखा जा सकता,
उसी तरह क्रोध की स्थिति में,
सच को देखा नहीं जा सकता !! क्रोध को जितने में मौन जैसा
सहायक दूसरा कोई नहीं है !! गुस्से में आदमी बेकार की बातें तो करता है,
पर कई बार दिल की बात भी कह जाता है !! जब आदमी जिद करता है
तब क्रोध जन्म लेता है,
क्रोध से अहंकार पैदा होता है,
अहंकार से इर्ष्या उत्पन्न होती है,
इर्ष्या हिंसा को बढ़ावा देती है,
इसलिए न जिद करे,
न क्रोध को पैदा करे !! न तेरी शान कम होती,
न तेरा रुतबा घटा होता,
जो गुस्से में कहा,
वही हंसकर कहा होता !! यह सही है की इन्सान को
गुस्सा नहीं करना चाहिए,
पर जो इन्सान अधिक गुस्सा करते है,
प्यार भी उतना ही अधिक करते है,
क्यूंकि लाल रंग खतरे का निशान है
तो प्यार की निशानी भी !! क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात
तो कहता नहीं,
दुसरे के दिल को दुखाना चाहता है !! जो मनुष्य अपने क्रोध को अपने ही ऊपर झेल लेता है,
वह दूसरों के क्रोध से बच जाता है !! जल्दी गुस्सा करना जल्द ही
आपको मूर्ख साबित कर देगा !! क्रोध से भ्रम पैदा होता है,
भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है,
जब बुद्धि व्यग्र होती है,
तब तर्क नष्ट हो जाता है,
जब तर्क नष्ट होता है,
तब व्यक्ति का पतन हो जाता है !!
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